लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव पर तंज कसा है। इस बार तो डिप्टी सीएम ने सपा को नसीहत ही दे डाली। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को सुझाव दिया कि सपाइयों को अपने बहादुर से पार्टी का नाम बदलकर ‘मदरसावादी पार्टी’ रखने की मांग करनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री मौर्य ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, हिंदुओं की
आस्था को व्यापार बताने का दुस्साहस करने वाले सपा बहादु अखिलेश यादव ने सही मायने में मुस्लिम मस्जिद और मदरसों को अपने वोट का बाज़ार बना रखा है।
सपाइयों को अपने बहादुर से समाजवादी पार्टी का नाम बदलकर मदरसावादी पार्टी रखने की मांग करनी चाहिए। इससे पहले डिप्टी सीएम ने बीती 12 जुलाई को भी सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बोला था। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मांतरण के नापाक हथकंडों से भारत की आत्मा को लगातार छलनी करने की साजिश की जा रही है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि खुद को ‘हिंदू’ कहने का शौक रखने वालों की जुबान पर अभी भी तुष्टिकरण की राष्ट्रविरोधी परत चढ़ी हुई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा का असली चेहरा अब जनता के सामने पूरी तरह से उजागर हो चुका है। इन दलों की तुष्टिकरण की राजनीति में लिपटी धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक वोट बैंक के लिए राष्ट्रहित से समझौता करने की नीति अब लोगों को स्वीकार नहीं है।
कांग्रेस पर भी बोला हमला
केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस पर भी तंज कसते हुए कहा कि इनसे सवाल किया जाना चाहिए कि उसने अपने शासनकाल में हिंदू समाज को कानूनी रूप से अपमानित करने और कट्टरपंथी मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए सांप्रदायिक सद्भाव विधेयक जैसा विधेयक क्यों लाया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक धार्मिक पक्षपात या सद्भाव का विधायी दस्तावेज़ नहीं है बल्कि यह बहुसंख्यकों के अधिकारों का दमन करके कट्टरपंथियों को अपने पाले में ढालने की तैयारी है।
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